लेखनी प्रतियोगिता -21-Jan-2023
माँ तुम कितनी प्यारी हो
ममता की मूरत हो।
जब तुम्हे देखती हूँ
दुनिया मिल जाती है ।
मेरे पास सब कुछ हैं
जब तुम मेंरे पास हो।
तेरे एहसान हैं बहुत जो
तुमने मुझे जन्म दिया।
नौ महीने पेट में रखा
नौ महीने हाथों में रखा।
पाल - पोस के बढ़ा किया।
ये उपकार हीं बहूत है।
तेरे एहसान का बदला चुकाया
जा नहीं सकता।
मैं अपनी जान भी क़ुर्बान कर
तुम्हारा बदला नहीं चुका सकता।।
ये जन्म भी तुम्हारा दिया हुआ
ये शरीर भी तुम्हारा दिया हुआ।
मेरा कुछ नहीं मेरे पास
सब कुछ तुम्हारा दिया है।
किस बात पर घमंड करूँ
ये जान भी तुम्हारी दी हुई।।
माँ तुम्हारे प्यार का
मौल कैसे चुका पाएंगे।
सौ जन्म भी क़ुर्बान तुम्हारे पे करूँ
तो भी कम पड़ जाएंगा।।
मेरी जिंदगी की सुबह तुम हो
मेरी जिंदगी की शाम तुम हो।
मेरी हर साँस पर नाम तुम्हारा हैं।
मेरी तो जिंदगी ही माँ से हैं
माँ से ही मैं जिन्दा हूँ।।।।।।
I love you maa
Renu
23-Jan-2023 03:56 PM
👍👍🌺
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
22-Jan-2023 08:30 AM
बहुत ही सुंदर सृजन और अभिव्यक्ति एकदम उत्कृष्ठ
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Swati chourasia
21-Jan-2023 08:37 PM
बहुत ही सुंदर रचना 👌
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